Posts

Showing posts from April, 2022

भाजपा प्रत्याशी शैलेन्द्र सिंह चुने गए विधान परिषद सदस्य,

Image
रिपोर्ट-इम्तियाज खान-- सुल्तानपुर/अमेठी MLC चुनाव में भाजपा ने मारी बाजी- 1362 वोटों से सपा की शिल्पा प्रजापति को हराया,शैलेंद्र सिंह को मिले 2481 वोट,शिल्पा को मिले 1119 वोट, सुलतानपुर। उत्तर-प्रदेश के सुलतानपुर जिले से चार बार विधान परिषद सदस्य रहे शैलेंद्र प्रताप सिंह ने यूँ ही अपना पुराना घर समाजवादी पार्टी (सपा) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन नही थामा है। विधान परिषद सदस्य रहे शैलेंद्र प्रताप सिंह के शुभचिंतकों का कहना है कि अपनी सहनशीलता और सरलता के चलते ही वह लंबे समय तक समाजवादी पार्टी की उपेक्षा का दंश झेलते रहे पिछले कई महीने से वह भाजपा में जाने की तैयारी में लगे रहे। सुलतानपुर जिले में पहली बार शैलेंद्र प्रताप सिंह ने 1990 में जनता दल (जनमोर्चा)से विधान परिषद सदस्य चुने गए। अपनी उपलब्धता और सरलता के चलते जिले में एक सामाजिक सेवक के रूप में उभरे  पंचायत प्रतिनिधियों में बहुत अच्छी पहचान व पकड़ बन गयी जिसका फायदा इन्हें वर्ष 1996 व 2003 में हुए विधान परिषद के चुनाव में मिला मगर प्रत्याशी होने के बावजूद उल्लेखनीय सफलता मिली। इस बीच उन्होंने प्रतापगढ़ में कु

पूजन अर्चन के बाद 7 दिवसीय देवी भागवत का हुआ समापन

Image
 देवी मूर्ति स्थापना के साथ भंडारा संपन्न तहसील क्षेत्र बल्दीराय के अंतर्गत ग्राम जरई कला में आयोजित 7  दिवसीय देवी भागवत महापुराण कथा मूर्ति स्थापना एवं विशाल भंडारे के साथ संपन्न हुई कथा व्यास गद्दी पर विराजमान पंडित राहुल त्रिपाठी द्वारा 7 दिनों तक लगातार देवी भागवत महापुराण का श्रवण श्रोताओं को कराया गया इसके पश्चात कथा प्रांगण में कलाकार द्वारा विभिन्न मां के स्वरूप वाली झांकियां प्रस्तुत की गई।  क्षेत्र के प्रतिष्ठित समाजसेवी ठाकुर बद्री विशाल सिंह द्वारा आयोजित इस नवरात्र के पावन पर्व के अवसर पर कथा प्रांगण में मां की एक  भव्य दुर्गा मां की मूर्ति की स्थापना करवाई गई जिसमें उनके पुत्र शिवानंद सिंह अपनी पत्नी सीमा सिंह सहित मां की मूर्ति का विधिवत पूजन अर्चन किया इस अवसर पर गांव की महिलाएं पुरुष धार्मिक भजनों पर खूब थिरके मूर्ति का अनावरण होने के समय  पूरा कथा प्रांगण मां की  जयकारों के साथ गुंजायमान हो गया     कथा प्रांगण में मां की झांकी रही आकर्षण का केंद्र  देवी भागवत महापुराण कथा प्रांगण में कलाकार शिव बहादुर द्वारा मां की स्वरूप की विभिन्न झांकी प्रस्तुत करके श्

रजनी पंडित: देश की 1st लेडी जासूस, नौकरानी तो कभी प्रेग्नेंट महिला बनकर सॉल्व किए 80,000 से केस

Image
रिपोर्ट-इम्तियाज खान कई लोग खूब पढ़ने के बाद कामयाबी पाते हैं, कइयों को कामयाबी अनुभव के अनुसार मिलती है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें कामयाब होने का रास्ता खुद नियति ने ही तैयार कर के भेजा होता है. ये लोग अपने साथ कोई ना कोई ऐसा हुनर लेकर पैदा होते हैं जो इन्हें दुनिया से अलग बनाता है. आज की कहानी भी एक ऐसी ही हुनरमंद महिला की है. ये कहानी है देश की सबसे पहली महिला डिटेक्टिव रजनी पंडित की. वही रजनी पंडित जिसे भारत की लेडी जेम्स बॉन्ड भी कहा जाता है. तो चलिए जानते हैं रजनी के जासूस रजनी पंडित बनने की कहानी:   शुरू से ही अलग नजरिया रखती थीं रजनी बात काफी साल पहले की है, उस समय रजनी की उम्र यही कोई 22 की रही होगी. कॉलेज में थी वो, ग्रेजुएशन के पहले साल में. हमेशा से उसके मन में था कि वो अपने पैरों पर खड़ी हो और किसी पर आश्रित न रहे. यही वजह थी कि उसने ग्रेजुएशन के दौरान काम करना शुरू कर दिया था. किसी ऑफिस में एक क्लर्क की जॉब करती थी. रजनी में एक बात औरों से अलग थी, वो चीजों को उस नजरिए से देखती थी जिस नजरिए से आम लोग नहीं देख पाते थे. किसी बात की तह तक जा कर उसकी वो सच्चा

थाने में लोकतंत्र को किया गया नंगा… देशभर में मचा बवाल

Image
भोपाल: मध्यप्रदेश के सीधी जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई हैं। इस जिले में कुछ दिन पहले रंगकर्मी नीरज कुंदेर को गिरफ्तार किया गया था। जब नीरज की गिरफ्तारी के विरोध में इलाके के पत्रकारों ने खबर चलाई और स्थानीय रंगकर्मियों ने विरोध जताया तो ना केवल उन्हें गिरफ्तार किया गया ब्लकि उनका जुलूस निकालकर उन्हें थाने में लगभग नग्न अवस्था में खड़ा कर उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल कर दी गई।तस्वीरों के वायरल होने के बाद प्रदेश की शिवराज सरकार और पुलिस के खिलाफ देशव्यापी गुस्सा फूट पड़ा है। लोग-बाग वायरल हुई इन तस्वीरों को मानवीय गरिमा के खिलाफ बताकर थू-थू कर रहे हैं। खबर हैं कि देश के कई हिस्सों के रंगकर्मी और पत्रकार सीधी जाकर विरोध प्रकट करने की तैयारी में जुट गए हैं। अभी बलिया के पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन शांत भी नहीं हुआ है कि भाजपा शासित मध्यप्रदेश से रंगकर्मियों और पत्रकारों की गिरफ्तारी की बड़ी खबर सामने आ गई हैं। बताते हैं कि सीधी से भाजपा के स्थानीय विधायक केदारनाथ शुक्ला की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एक यू ट्यूब चैनल को संचालित करने वाले कनिष्क तिवारी और उनके कैमरामैन

अनुपम चेतना सम्मान नवाजे गए आचार्य अभिमन्यु शुक्ल तरंग,

Image
रिपोर्ट-इम्तियाज खान सदभावना सेवा संस्थान द्वारा बीकापुर अयोध्या में आयोजित अनुपमोत्सव के अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में इस बार तरंग ने अपनी लेखनी का लोहा मनवा लिया भारत माता की जय के नारों के साथ भरपूर जोश व उल्लास के साथ काव्य पाठ का जलवा बिखेरा। तरंग के छन्दों पर हजारों की संख्या में स्रोता जमकर तालियां बजाते रहे। कवि सम्मेलन में श्री अशोक टाटाम्बरी,अंतरराष्ट्रीय कवि श्री जमुना प्रसाद उपाध्याय,श्री वेद प्रकाश द्विवेदी प्रचण्ड,श्री भानु प्रताप सिंह भयंकर, ध्रुव उपाध्याय और कवयित्री अर्चना द्विवेदी सहित कई नामी गिरामी कवि उपस्थित रहे। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता परम् आदरणीय श्री जमुना प्रसाद उपाध्याय दादा और संचालन गुरुदेव श्री टाटाम्बरी जी ने किया और मुख्य अतिथि रहे-आचार्य रवि शंकर सिंह (कुलपति राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय) विशिष्ट अतिथि रहे- आचार्य ऐ पी राव, निर्देशक प्रसार,नरेन्द्र देव् कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या अनुपम चेतना सम्मान मिलने से तरंग के पिता श्री उमेश शुक्ल व परिवार जनों में खुशी की लहर है। कवि सम्मेलन का आयोजन श्रवण पांडेय जी ने किया।

कहानी उस कुली की, जिसने स्टेशन के Wi-Fi से पढ़कर पास की IAS की परीक्षा और बन गया अफसर

Image
जज्बा हो तो सपनों की किसी भी उड़ान को छुआ जा सकता है। यह बात केरल के एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले एक कुली के जीवन पर बिल्कुल सटीक बैठती है। जहां बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर और दिन भर पढ़ने के बावजूद भी कई लोग देश की सबसे बड़ी परीक्षा कही जाने वाली यूपीएससी परीक्षा को पास में ही कर पाते, वहीं रेलवे स्टेशन पर फ्री वाईफाई की मदद से पढ़ाई करने वाले कुली ने सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर कर अपनी जिंदगी की कहानी बदल दी है। श्रीनाथ ने अपने एक इंटरव्यू में अपनी सफलता की कहानी सुना कर लाखों-करोड़ों लोगों को प्रेरित किया है। केरल के एर्नाकुलम जंक्शन पर 5 सालों से कुली का काम करने वाले श्रीनाथ ने अपनी पढ़ाई के लिए किसी की मदद नहीं ली। वह काम के साथ-साथ स्टेशन पर मिलने वाले वाई-फाई के जरिए वीडियो की मदद से अपनी पढ़ाई करते थे। उनके पास ईयर-फोन और फोन के अलावा और कुछ भी नहीं था। ना ही उनके पास इतने पैसे थे कि वह अपनी कोचिंग की फीस भर सकें। ऐसे में फ्री वाईफाई की मदद से वह अकेले ही अपने इस सफर पर चल पड़े। रेलवे के फ्री वाईफाई का इस्तेमाल कर उन्होंने अपनी सफलता के दरवाजे खोल दिए है। वह र